
dhanteras 2025 date and time in india calendar
dhanteras 2025 date and time in india calendar धनतेरस, जो धनत्रयोदशी के नाम से भी प्रसिद्ध है, दीपावली पर्व का पहला दिन होता है। यह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2025 में धनतेरस 18 अक्टूबर, शनिवार को पड़ रहा है। यह उस वर्ष का 291वां दिन होगा और दिवाली पर्व के पांच दिवसीय उत्सव की शुरुआत करेगा।
धनतेरस की तिथि और समय सूर्य और चंद्र के ज्योतिषीय आधार पर निर्धारित होती है, इसलिए हर वर्ष यह ग्रेगोरी कैलेंडर में अलग-अलग दिनांक में आता है। 2025 में त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर को 12:18 बजे दोपहर से शुरू होकर 19 अक्टूबर को दोपहर 1:51 बजे समाप्त होगी। लेकिन पूजा और खरीदारी के लिए मुख्य शुभ समय प्रदोष काल अर्थात संध्या होने के बाद होता है

धनतेरस 2025 का शुभ मुहूर्त और पूजा का सही समय dhanteras 2025 date and time in india calendar
धनतेरस पूजा के लिए शुभ मुहूर्त अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि उसी वक्त किए गए अनुष्ठान और खरीदारी का प्रभाव सम्पूर्ण वर्ष पर पड़ता है। dhanteras 2025 date and time in india calendar
- प्रदोष काल: शाम 5:48 बजे से रात 8:20 बजे तक
- धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 7:16 बजे से रात 8:20 बजे तक
- वृषभ काल: यह शुभ काल शाम 7:16 बजे से रात 9:14 बजे तक माना जाता है, जिसमें दीये जलाने और पूजा करने का अलग महत्व है
- ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 4:43 बजे से 5:33 बजे तक, जहां सुबह का आरंभिक समय माना जाता है
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:29 बजे तक, जो दिन के मध्य शुभ माना जाता है
पूजा का सर्वोत्तम समय शाम के प्रदोष काल में होता है। इस समय माता लक्ष्मी जी, भगवान कुबेर और धन्वंतरि जी की पूजा की जाती है। पूजा के दौरान घर के मुख्य द्वार और पूजा स्थल पर दीपक जलाना अत्यंत शुभ होता है। dhanteras 2025 date and time in india calendar

भारतीय पंचांग में धनतेरस का स्थान और महत्व
धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की तेरहवीं तिथि (त्रयोदशी) को पड़ता है। यह त्रयोदशी तिथि देवताओं के वैद्य भगवान धन्वंतरि की जयंती भी होती है, जिन्हें आयुर्वेद के जनक माना जाता है। इस दिन समुद्र मंथन की कथा के अनुसार भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए यह दिन स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक भी है। dhanteras 2025 date and time in india calendar
धनतेरस को धन की देवी मां लक्ष्मी, धन के अधिपति कुबेर देव और स्वास्थ्य के देवता धन्वंतरि की पूजा का खास दिन माना जाता है। इस दिन खनिजों जैसे सोना-चांदी की खरीदारी विशेष शुभ मानी गई है क्योंकि इससे财富, समृद्धि और खुशहाली घर में बनी रहती है। dhanteras 2025 date and time in india calendar
पंचांग के अनुसार, इस तिथि पर त्रयोदशी के समाप्त होने से पहले पूजा करना उत्तम माना जाता है ताकि पूजा का फल पूर्ण रूप से प्राप्त हो। प्रत्येक क्षेत्र और भारतीय राज्य की स्थानीय मान्यताएं भले भिन्न हों, पर धनतेरस की पूजा एवं त्यौहार सभी जगह बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। dhanteras 2025 date and time in india calendar
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धनतेरस की पूजा विधि और शुभ कार्य
धनतेरस पूजा में अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराएं शामिल हैं। पूजा आरंभ करने से पहले घर की सफाई और सजावट की जाती है। सजावट के लिए रंगोली, फूल और दीपक का प्रयोग किया जाता है। पूजा की मुख्य सामग्री में मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की मूर्तियां, सोने-चांदी के आभूषण और नए बर्तन, लाल रंग के कपड़े, गुड़, मिठाई, फल आदि शामिल होते हैं। dhanteras 2025 date and time in india calendar
पूजा का क्रम इस प्रकार होता है:
- विषेश पूजास्थल की स्थापना
- कलश स्थापना और जलाभिषेक
- मां लक्ष्मी, कुबेर और धन्वंतरि की पूजा
- दीप प्रज्वलन एवं आरती
- भजन-कीर्तन एवं प्रसाद वितरण
पूजा के दौरान लक्ष्मी माता का विशेष वंदन व मंत्रोच्चार किया जाता है ताकि समृद्धि और खुशहाली का निवास घर में बना रहे। इस दिन व्यापारी नव खाता खोलते हैं और व्यापार की शुरुआत करते हैं, जिसे “चोपड़ा पूजा” भी कहते हैं। dhanteras 2025 date and time in india calendar
धनतेरस पर शुभ नये वस्त्र पहनना, नया बर्तन या सोना चांदी खरीदना धन लाभ का प्रतीक माना जाता है। यह दिन आरंभ और सौभाग्य का प्रतीक रहता है।dhanteras 2025 date and time in india calendar
धनतेरस 2025 पर खरीदारी का महत्व और शुभ वस्तुएं
धनतेरस पर खरीदारी करना पारंपरिक और आध्यात्मिक दोनों दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन खरीदी गई वस्तुएं घर में सुख-समृद्धि लाती हैं और वर्ष भर आर्थिक स्थिरता का संदेश देती हैं। dhanteras 2025 date and time in india calendar
धनतेरस पर खासतौर पर ये वस्तुएं खरीदी जाती हैं:
- सोने-चांदी के आभूषण, सिक्के और बर्तन
- तांबा, कांस्य, और ताम्र के नए बर्तन
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, घरेलू उपकरण
- नया वाहन या संपत्ति (जमीन, मकान)
- लक्ष्मी- गणेश जी की मूर्तियां
- झाड़ू और अन्य स्वच्छता की वस्तुएं
सोना-चांदी को धनतेरस की ख़ास सौगात माना जाता है क्योंकि माता लक्ष्मी इन्हीं खनिजों में वास करती हैं। इनके साथ ही नए बर्तन और उपकरण परिवार के लिए नई खुशहाली का संकेत होते हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और वस्तुएं आधुनिक तकनीकी युग की समृद्धि चिन्हित करती हैं। dhanteras 2025 date and time in india calendar
धनतेरस की खरीदारी का महत्व केवल आर्थिक नहीं बल्कि आध्यात्मिक भी होता है, क्योंकि यह समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए भगवान धन्वंतरि, कुबेर और लक्ष्मी जी की पूजा से जुड़ी होती है
दीपावली समारोह के ढांचे में धनतेरस का स्थान
धनतेरस दीपावली पर्व का पहला दिन है जो पांच दिनों तक चलता है। इसमें निम्नलिखित पर्व शामिल होते हैं:
- धनतेरस (पहला दिन): धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के देवताओं की पूजा
- नरक चतुर्दशी (दूसरा दिन): यमद्वती के पापों का हरण
- दिवाली (तीसरा दिन): धन लक्ष्मी और गणेश पूजन
- गोवर्धन पूजा (चौथा दिन): प्रकृति और गायों की पूजा
- भाई दूज (पाँचवां दिन): भाई-बहन के रिश्ते का उत्सव
धनतेरस से दीपावली की शुरूआत होती है, इसलिए यह दिन नव आरंभ और सकारात्मकता का प्रतीक होता है। पारिवारिक एकता, आर्थिक उन्नति और स्वास्थ्य के लिए यह एक शुभ दिन माना जाता है। भारत के तमाम भागों में यह दिन धार्मिक और सामाजिक उत्साह से मनाया जाता है। इस दिन बाजारों में रौनक और खरीदारी की चहल-पहल अपने चरम पर होती है।
निष्कर्ष
धनतेरस 2025 का दिन भारत के कैलेंडर में अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण है। यह 18 अक्टूबर, शनिवार को मनाया जाएगा जिसमें संध्या काल में पूजा और खरीदारी का सबसे उत्तम समय होगा। यह दिन स्वास्थ्य, धन और समृद्धि के देवताओं की पूजा का दिन है। पंचांग के अनुसार, प्रदोष काल और वृषभ काल में पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
धनतेरस न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से भी एक अनूठा पर्व है, जो दीपावली के उल्लास और खुशियों की शुरुआत करता है। परिवार के साथ मिलकर पूजा-पाठ, दीपक जलाना, खरीदारी करना और उल्लास मनाना इस दिन की खासियत है।
इस दिन की पूजा और शुभ कार्य सही मुहूर्त में करना जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशहाली लाने का मार्ग है। इसलिए 2025 में भी धनतेरस का यह पर्व व्यापक श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा।